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कविता

ये सूरज बदल दो यारो

प्रतिभा कटियार


दूर पहाड़ियों पर
गिरती है बर्फ
हर बरस
पिघलती है बर्फ
हर बरस
कहीं कुछ है
जो सदियों से नहीं पिघला
ये सूरज बदल दो यारों
कि इसकी हरारत
जरा कम सी है...
 


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